Haryana Exit Polls: हरियाणा विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल के नतीजों में कांग्रेस ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है. पूर्व मुख् …अधिक पढ़ें
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Haryana Exit Polls: हरियाणा विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल के नतीजे की मानें तो राज्य में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बननी लगभग तय मानी जा रही है. दरअसल, हरियाणा चुनाव प्रचार के ऐलान के बाद से ही कांग्रेस में हुड्डा वर्सेज ऑल कैंपेन शुरू हो गया था. कुमारी सैलजा और सुरजेवाला दोनों सीएम पद पर दावा ठोकने लगे थे. टिकट बंटवारे में भी हुड्डा का जलवा ही कायम था. ऐसे में नाराज होकर सैलजा और सुरजेवाला दिल्ली पहुंच गए. वहीं, भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुपचाप चुनाव प्रचार में लगे हुए थे. भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा दोनों लगातार गांव से लेकर शहरों की खाक छान रहे थे. आज जब एग्जिट पोल के नतीजे आए हैं तो बताता है कि हुड्डा की हरियाणा कांग्रेस का किंग और किंग मेकर है.
बता दें कि दलित चेहरा के नाम पर बीजेपी ने कुछ समय तक कुमारी सैलजा को स्टार जरूर बना दिया था. मनोहर लाल खट्टर से लेकर मुख्यमंत्री सैनी तक सैलजा के बहाने कांग्रेस पर दलित का अपमान करने का आरोप लगाते रहे. लेकिन, हुड्डा चुपचाप दलित बस्ती में जाकर दलितों को बीजेपी के खिलाफ करने में कामयाब हो गए. ऐसे में सैलजा का दावा अब लगता है कि दावा ही रह जाएगा. क्योंकि एग्जिट पोल के नतीजे में कांग्रेस के लैंडलाइड विक्टरी मिलती नजर आ रही है.
हुड्डा किंग ही नहीं किंगम मेकर बने
बता दें कि हरियाणा चुनाव में पिछले तीनों बार से बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही सीधी लड़ाई हो रही है. जेजेपी, इनेलो, आप और बीएसपी का इस बार भी लगभग सुफरा साफ होते दिख रहा है. हालांकि, चुनाव से पहले यह चुनाव इंडियन नेशनल लोकदल, जननायक जनता पार्टी ने काफी दम भर रही थी. गोपाल कांडा की हिलोपा और बसपा जैसी पार्टियां भी करिश्मे की उम्मीद कर रही थी. जेजेपी ने तो चंद्रशेखर की पार्टी आजाद समाज पार्टी से गठबंधन भी कर लिया. लेकिन, एग्जिट पोल के नतीजे बता रहे हैं कि हुड्डा का दम सब पर भारी पड़ा.
हुड्डा के इर्द-गिर्द चुनाव कैंपेन
आपको बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का पूरा प्रचार अभियान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के इर्द-गिर्द ही घूम रही थी. पूरे हरियाणा में या तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा की धूम थी या फिर उनके सांसद बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा की चर्चा थी. बाप-बेटे की जोड़ी पर 10 साल बाद कांग्रेस को हरियाणा में वापसी का जिम्मा था. जानकार बता रहे हैं कि कांग्रेस आलाकमान की तरफ से सख्त हिदायत दी गई थी कि अगर नाकामयाबी हासिल होती है तो इसका खामियाजा भी बाप-बेटे की जोड़ी को ही भुगतना पड़ेगा.
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ऐसे में कांग्रेस की अंदरुनी राजनीति से लड़ते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पार्टी का हरियाणा में 10 साल के बाद झंडा गाड़ दिया है. अगर एग्जिट पोल के नतीजे सही साबित हुए तो भी और नहीं हुए तो भी. क्योंकि, हरियाणा का पूरा प्रचार अभियान हुड्डा के चारों तरफ घूम रहा था. ऐसे में भूपेंद्र सिंह हुड्डा का अंतिम राजनीतिक पारी का अब हरियाणआ की जनता को इंतजार रहेगा. क्योंकि, इस चुनाव के बाद हुड्डा शायद हरियाणा विधानसभा का चुनाव न लड़े पाएं.