शराब घोटाले में जेल में बंद अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दिल्ली पुलिस ने स्वाती मालीवाल पिटाई कांड मे …अधिक पढ़ें
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट मामले में दिल्ली पुलिस ने अदालत ने नया दावा किया है. पुलिस ने इसे बर्बर हमला करार देते हुए कहा कि वह हमले के पीछे की बड़ी साजिश की जांच कर रही है. पुलिस ने ये भी दावा किया है कि मालीवाल पर हमले के बाद बिभव कुमार और अरविंद केजरीवाल काफी समय तक मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर एक साथ मौजूद थे. इससे दिल्ली के मुख्यमंत्री तक जांच की आंच पहुंच सकती है.
केजरीवाल के पीए बिभव कुमार इन दिनों न्यायिक हिरासत में बंद हैं. उन पर 13 मई को सीएम आवास पर आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल पर हमला करने का आरोप है. दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. अब पुलिस ने चार्जशीट पेश की है. इसमें दिल्ली हाईकोर्ट में मालीवाल के बयान को आधार बनाया है. कहा है, 10 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट में बिभव कुमार की जमानत पर सुनवाई चल रही थी. तब मालीवाल भी वहां मौजूद थीं. उन्होंने अपना बयान दर्ज कराया, जिसमें कहा कि जिस तरह से आम आदमी पार्टी के सभी नेता और कार्यकर्ता अपने ही एक सांसद के खिलाफ आरोपी के समर्थन में आए, उससे पता चलता है कि हमले के पीछे एक बड़ी साजिश थी. दिल्ली पुलिस को इस साजिश की तह तक जाना चाहिए.
चार्जशीट में कहा गया है कि मालीवाल का बयान जांच में बेहद अहम है, क्योंकि घटना के बाद आम आदमी पार्टी के दो जिम्मेदार लोगों ने सार्वजनिक तौर पर जो कहा, उससे पलटी मार गए. करीब 500 पन्नों की जार्चशीट में 50 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं. इसे 16 जुलाई को दिल्ली की अदालत में दाखिल किया गया और 30 जुलाई को कोर्ट ने इसका संज्ञान लिया. अब उसकी बातें सामने आई हैं.
चार्जशीट में कहा गया है कि जांच में पता चला कि घटना के बाद आरोपी बिभव कुमार और मुख्यमंत्री सीएम आवास पर काफी देर तक एक साथ मौजूद थे. वहां मौजूद अफसरों के बयानों की भी जांच किए जाने की जरूरत है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश थी. दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में कहा, सीसीटीवी कैमरों के चुनिंदा फुटेज जब्त करने से पहले ही मीडिया में लीक कर दिए गए. इसकी वजह से पूरे मामले की गंभीरता से जांच बेहद जरूरी है कि कहीं, इसके पीछे कोई बड़ी और गहरी साजिश तो नहीं. डीसीपी स्तर की अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम मामले की जांच कर रही है.